Geeta Ka Bhagwan Kaun?
Apr 28,2018 | Bapuji Article

गीता का भगवान कौन? बेहद के बाप को यह सिद्ध नहीं करना पड़ेगा, यह अपने आप ही सिद्ध हो जाएगा क्योंकि बेहद का बाप ही बेहद की गीता का एकमात्र स्रोत है। बेहद का बाप ही गीता का भगवान है। बेहद का बाप खुद, स्वयं आकर अपना परिचय ज्ञान द्वारा देता है कि मैं कौन हूं। बेहद के बाप की पहचान है ही बेहद का ज्ञान। जब बेहद का बाप आता है तो बेहद के ज्ञान द्वारा हद की और बेहद की आत्माओं की भी पहचान देता है। हद की आत्माएं मान-शान में पड़ी हैं। उनकी बुद्धि में ज्ञान आना नहीं है। परंतु जो बेहद की आत्माएं हैं उनकी बुद्धि में बेहद के ज्ञान और बेहद के बाप के परिचय से हलचल हो गई है। बेहद की आत्माओं की बुद्धि में हलचल चल रही है कि सत्य कुछ और है। बेहद का बाप ज्ञान द्वारा सभी आत्माओं की पोल पटरी खोल रहे हैं। कृष्ण वाली आत्मा जो इस ब्रह्माण्ड में ब्रह्मा का पाठ बजा रही है। परंतु इस ब्रह्माण्ड का ब्रह्मा कोई और है। राम वाली आत्मा शंकर का पाठ बजा रही है परंतु इस ब्रह्मांड का शंकर कोई और है।राम वाली आत्मा ने स्वयं लिखा है कि राम ही रावण बन गया और शंकर ने उल्टा कार्य किया तो बिच्छू टन्डन पैदा हुए। राम वाली आत्मा जो शंकर का पाठ बजा रही है उल्टा काम कर रही है इसलिए वहां जाकर आत्माएं गिर जाती हैं। इस ब्रह्माण्ड का असली शंकर बेहद का वैरागी,त्यागी और तपस्वी है। बेहद के ज्ञान द्वारा हमें पता चलता है कि कृष्ण-अवतार, राम-अवतार, क्यों हुआ, कैसे हुआ ? और कृष्ण तथा राम अवतार होने का क्या उद्देश्य था? जब राम अवतार में राम-राज्य नहीं आता और कृष्ण अवतार में क्या गड़बड़ हुई कि इतना कार्य करने के बाद भी परिवर्तन नहीं हुआ, और कृष्ण ने अपने ही कुल का विनाश कर दिया या यूं कहें उसे अपने कुल का विनाश करना पड़ा। यह सब विष्णु पुराण में भी लिखा है ।चाहो तो पढ़ सकते हो। कृष्ण ने 16,108 रानीयों से शादी की और 10-10 बच्चे पैदा किए उल्टा काम कृष्ण अवतार में भी हुआ और राम अवतार में भी हुआ और उल्टे कार्य का रिविजन आज भी हो रहा है।
बेहद के बाप ने बेहद के ज्ञान द्वारा तीनों सेनाओं का भी परिचय दिया है कि कौरव-यादव प्रत्यक्ष है, पांडव है गुप्त, ज्ञान है गुप्त, पुरुषार्थ है गुप्त, दान मान मर्तबा सब है गुप्त। कौरव 80 साल से कावंँ-कावँ कर रहे हैं और कंफ्यूज हैं।

प्रैक्टिकल में विश्व-परिवर्तन में बहुत मेहनत है। फिर भी बेहद का बाप परिवर्तन में लगा हुआ है। बेहद के बाप के संकल्पों द्वारा ही आज साइंस इतनी डेवलप हो रही है। साइंस इतनी डेवलप्ड किसके लिए हो रही है। बेहद के बच्चों के लिए डेवलप हो रही है कि बेहद के बच्चे आसान तरीके से बेहद के बाप तक पहुंच जाए। बेहद का बाप बैठकर आदि ,मध्य, अंत का राज समझाता है। वाणियों में छिपे रहस्य बताता है की ड्रामा 5000 साल का नहीं है। साइंस भी यह प्रूफ दे रही है। शास्त्रों को झूठ कहना महा पाप है। बेहद का बाप केवल आत्मा का ज्ञान नहीं देता, हिस्ट्री, जियोग्राफी, साइंस, शास्त्र, धर्म, मेसेंजरस एलियंस, तत्वों, अनंत कोटी ब्रह्मांडो,अनंता अनंत Galaxy, अनंता अनंत यूनिवर्स मल्टी वर्ष यानी बेहद का ज्ञान देता है। बेहद का ज्ञान ही गीता के भगवान को सिद्ध करता है।
परमशान्ति।